पूर्व रॉ चीफ दुलत की किताब को लेकर क्यों मचा सियासी बवाल? जानें
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00:00AS दुलत जो भारत की खुफिया रिसर्च और अनलिसिस विंग यानि एक्स्टरनल इंटेलिजन्स एजन्सी रोग के पूर्व प्रमुक थे
00:11इंटेलिजन्स ब्यूरो के विशेश निदेशक रह चुके हैं
00:14उन्होंने अपनी नई किताब देशीफ मिनिस्टर अन्द स्पाई में एक विस्थोटक दावा किया है
00:20उन्होंने अपनी किताब में दावा ये किया है कि जम्मु कश्मीर नैशनल कॉन्फरेंस के नेता फारूख अब्दुला
00:27370 हटाए जाने पर केंद्र में नरेंद्र मोधी सरकार के साथ थे
00:33चुकि एस दुलत फारूख अब्दुला के बहुत करीबी मित्र समझे जाते हैं
00:39पारिवारिक मित्र के रूप में उन्हें देखा जाता है और दशकों से
00:43लहाजा उनकी बातों पर यकीन किया जा रहा है
00:47और दुलत के इस और ऐसे ही कई दावों ने जमूर कश्मीर की राजनीती में जबरदस हलचल मचा दी है
00:55दूसरी तरफ फारुक अबदुल्ला ने इन दावों को जूटा और सस्ता पब्लिसिटी स्टंट करार देते हुए सिरे से खारिच कर दिया है
01:05फारुक अबदुल्ला ने कहा है कि दुलत की किताब में तथ्यात्मक गलतियां हैं
01:11और कोई भी उनका करीब दोस्त इस तरह की बाते उनके बारे में नहीं लिख सकता
01:17लेकिन जबु और कश्मीर के कई दल अब फारुक अबदुल्ला को और नैशनल कॉन्फरेंस को घेरने की कोशिश कर रहे हैं
01:25इस किताब के आधार पर
01:27पीडीपी नेता महववा मुफ्ती और जम्मो और कश्मीर के दूसरे नेताओं का क्या कहना है हम आपको वो भी विस्तार से दिखाते हैं
01:35तो फारुक अबदुल्ला ने कहा कि ये जूटा दावा है सस्ती पब्लिसिटी का ये स्टंट है
01:42लेकिन मैं आपको ये भी बताना चाहूँगा कि एमके नारायनन जो पूर्व राष्ट्रे सुरक्षा सलहकार पिछली सरकार में थे
01:52यानि जब कॉंग्रिस की सरकार थी तो उन्होंने कहा अपने फोवर्ड में कि दुलत न केवल विशेशग्य है
02:00जमू और कश्मीर के बल्की दिल से लगाव है उनका नकेवल कश्मीर से बल्की फारुक अब्दुल्ला से भी
02:07क्या कहने कश्मीर के नेताओं का महभूआ मुक्ती क्या कह रही है हम आपको सुनवाते हैं
02:12नेशनल कॉंफरेंस के बहुत करीबी फैमिली मेंबर जैसे हैं
02:17और आज जब दुलत साब में अपनी किताब में लिखा
02:22कि फारुक साब जाते थे उनके साथ 377 को हटाने के लिए मशवरा किया जाए
02:28बलकि वो यहां तक जाते हैं कि मैं एसेमिली के जरीए 377 को हटाने के लिए तयार था
02:35बगर मुझसे मशवरा नहीं किया गया
02:37यह कोई पहली बात नहीं है
02:40यह नेशनल कॉंफरेंस ते इससे पहले 2014 में भी यह रातों को जाके मिलते थे
02:46अमिश्या साहब से उमर साहब कि बीडी पी किसा सरकार मत बना हमारे सर बना
02:51और बिला शर्त उश्रूर तो यह कोई नई बात नहीं इनके लिए
02:54उस आथर की आप बुग देखेंगे और अगर आप देखेंगे जब वो उसमें लिखता है
02:58वो अपनी बात को खुदी कॉंट्रडिक्ट करता है
03:00वो अगर आप आगे देखेंगे वो लिखता है कि साथ महीने
03:04गर्मेंट ओफ इंडिया गौज कर रही थी फारुक अब्दुल्ला साब का सेंस क्या होगा
03:09जब वो जेल में हिरासत में थे जब वो गुपकार पे बंद थे
03:13और साथ महीने के बाद फारुक अब्दुल्ला साब ने पीए जीडी को आगे चलाया
03:18अगर वो बात होती तो क्या पीए जीडी वो ऐसे करते तो फिर पीए जीडी बनती ने
03:24और पीएजीडी को किस ने तोड़ा हमने नहीं तोड़ा उन लोग उने तोड़ा जो हमारे पीएजीडी से बाहर थे तो ये मुझे लगता है एक फिगमेंट ओफ इमेजिनेशन और जो ये ऑथर है अगर आप उनकी बात पर बरोसा करते हैं तो आप देखें पीडीपी के जो
03:54है वो सिर्फ रेलेवन्स अपने करना चाहते हैं इसमें कुछ नहीं है अपने आपकी रेलेवन्स लाना चाहते हैं ये बुक खुद ही अपनी बात को पॉर्मर रौचीफ अमर सिंग दुलत साब का जो स्टेटमेंट उनकी किताब में जो उन्होंने लिखा है कि फारुक उ�
04:24स्टैनिंग थी बलकि वो उनकी लीडर्शिप इस फैसले के साथ आउन बोर्ड थी और प्रेवेटली इसको मदद इस फैसले में हकोमत की मददकार भी थी अनफॉचनेटली हम ये बात मसलसल कहते आ रहे हैं कि पांच अगर्ज दोहजार उनीस को जो फैसला हुआ उस से पह
04:54इस भी जब ऑल पार्टीज यहांपर पी एजीड़ी का अक फार्मिशन भी हुआ था और पी एजीड़ी को साइल लाइन करते हुए यूनिटी को साइल लाइन करते हुए बाकिवी लीडर्ज को आइसलेट करते नाइसलली काण्फर hidden की लीडऱ्िशिप उस वकत प्राइम
05:24इस सफाई में कहा है कि पूरी किताब फारुक अबदुल्ला की तारीफ में एक तरहां से लिखी गई है लेकिन जिस हिस्से में विवाद हुआ है या विवाद जिसकी वज़े से खड़ा किया गया है उसे तोड मरोड कर पेश किया जा रहा है
05:38क्या के नए दुरत साब का वो अपसे थोई देर में हमारे साथ जुड़ेंगे लेकिन उससे पहले सुने उनकी ये बात
05:43साथ का दिल टूटा हुआ था कि हमारे साथ यह हुआ है जो हम हंदुस्तान के साथ रहे हैं हमें से
05:51मेरा बाप हंदुस्तान के साथ था मैं हंदुस्तान के साथ हूँ मेरे बच्चे हंदुस्तान के साथ है
05:57अब मेरे grand syndrome पूछ रहे हैं
06:00कि यही इंडुस्तान है कि
06:01इसी के साथ आपने कहा
06:03कि हमें चलना है
06:04तो बात यूं होई थी
06:07और उन्होंने ये तो बड़ी
06:09नोन बात है कि डॉक्टर साथ
06:11बीसो बार कह चुके हैं कि मैं तो हमेशा
06:13दिल्ली के साथ हूँ
06:15और वो दिल्ली के साथ रहे हैं हमेशा
06:17लेकिं दिल्ली नहीं समझ पाई है
06:19डॉक्टर साथ को
06:20गलती डॉक्टर साथ की नहीं है
06:23गलती दिल्ली की है
06:24जो डॉक्टर साथ को समझ यह नहीं पाए
06:27और यह फजूल की बाते है
06:31किताब पूरी पढ़नी चाहिए
06:33और अगर मेरी बात नहीं समझाती लोगों को तो इसमें एक फॉर्वर्ड भी है किताब में
06:39जो हमारे बड़े गुरू नाराइनन साब ने दिखा है उसको पढ़ लीजे देख लीजे
06:46क्या कहते है नाराइनन साब किताब के बारे में