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  • 3 days ago
🙏 जय श्रीराम!

यह भजन "नगरी हो अयोध्या सी" प्रभु श्रीराम की भक्ति और अयोध्या नगरी की दिव्यता को समर्पित है। यह गीत एक ऐसी कल्पना को साकार करता है जहाँ हर घर रघुकुल जैसा हो, हर नारी सीता जैसी हो, और हर बालक लव-कुश जैसा हो। यह भजन न केवल श्रीराम के प्रति प्रेम और समर्पण को दर्शाता है, बल्कि हमें हमारे जीवन मूल्यों की ओर भी ले जाता है — श्रद्धा, भक्ति, निष्ठा और त्याग।
✨ भजन की मुख्य भावनाएँ:
श्रीराम का चरणों में स्थान पाने की प्रबल इच्छा
अयोध्या जैसी दिव्य नगरी की कल्पना
सीता, श्रवण, शबरी और हनुमान जैसे पावन चरित्रों से प्रेरणा
पारिवारिक मूल्यों का सम्मान: कौशल्या जैसी माँ, लक्ष्मण जैसा भाई
जीवन नैया में प्रभु राम को खेवैया बनाना
🌸 "और चरण हो राघव के, जहाँ मेरा ठिकाना हो..."
यह पंक्ति हर रामभक्त की अंतिम कामना को प्रकट करती है — प्रभु श्रीराम के चरणों में स्थान पाना।

This bhajan "Nagri Ho Ayodhya Si" is dedicated to the devotion of Lord Shri Ram and the divinity of the city of Ayodhya. This song brings to life a vision where every house is like Raghukul, every woman is like Sita, and every child is like Luv-Kush. This bhajan not only reflects love and devotion towards Shri Ram, but also takes us towards our life values ​​​​- Shraddha, Bhakti, loyalty and sacrifice.
✨ Main emotions of the bhajan:
Strong desire to get a place in the feet of Shri Ram
Imagination of a divine city like Ayodhya
Inspiration from holy characters like Sita, Shravan, Shabari and Hanuman
Respect for family values: Mother like Kaushalya, brother like Laxman
Making Lord Ram the boatman in the boat of life
🌸 "Aur charan ho Raghav ke, jahaan mera thikaana ho..."
This line reveals the last wish of every Ram devotee - to get a place in the feet of Lord Shri Ram.

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जय सिया राम! 🌸🙏
Ram Siya Ram, Jai-Jai Ram! 🎶

Category

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Music
Transcript
00:00आँ, आँ, आँ, आँ, आँ, आँ, आँ, आँ, आँ, आँ, आँ, आँ, आँ, नगरी हो आयो ध्यासी, रग कुल सा घराना हो
00:22और चरल हो राघव के, जाहो मेरा ठिकाना हो
00:30हो त्याग बारत जैसा, सीता सिनारी हो
00:37और लव कुश के जासी, संतान हमारी हो
00:45नगरी हो आयो ध्यासी, रग कुल सा घराना हो
00:53और चरल हो राघव के, जाहो मेरा ठिकाना हो
01:15शथा हो श्रवन जासी, शबरी सी भक्ती हो
01:23और हनमत के जासी, निश्का और शक्ती हो
01:31नगरी हो आयो ध्यासी, रग कुल सा घराना हो
01:39और चरल हो राघव के, जाहो मेरा ठिकाना हो
01:46नेरी जीवन नईया हो, त्रभ राम खेवाईया हो
02:02और राम क्रफा की सदा, निर सरचाईया हो
02:10नगरी हो आयो ध्यासी, रग कुल सा घराना हो
02:17और चरल हो राघव के, जाहो मेरा ठिकाना हो
02:40सरयू का किनारा हो, निर मल जल धारा हो
02:47और तर्श मुझे भगवन, हर घरी तुहारा हो
02:55नगरी हो परो चासी, रग कुल सा घराना हो
03:07कोशल्या सिमाई हो, लक्षमन सा भाई
03:21और स्वामी तुम्हार जैसा, मेरा रघराई हो
03:29नगरी हो आयो ध्यासी, रग कुल सा घराना हो
03:42शत्था हो शवन जैसी, शबरी सी भगती हो
03:49हनुमामद के जैसे निष्था और शकती हो
03:56और चर रहो राधाव के
04:04जहु बेरा किकाना हो
04:08नगरी हो आयो चासी, रग कुल सा घराना हो
04:16और चर रहो राधाव के रहे, जहु मेरा किकाना हो
04:23नेरे जीवन नई आहो, प्रभुरा मखी वई आहो
04:46और रामत्रपा की सदा मेरे सर चाया हो
04:53नगरी हो आयो चासी, रग कुल सा घराना हो
05:01और चर रहो राधाव के जहु मेरा किकाना हो
05:16सरियूं का किनारा हो, निर्मम चल धारा हो
05:31और दर्श मुझे भगवन, हर खरी तुम्हारा हो
05:38नगरी हो आयो चासी, रग कुल सा घराना हो
05:50नगस की सा दड़ करे लो चासी, रग कुल सा जबतारा हो

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