Join us in this delightful YouTube video that narrates the story of a snake and a crow, illustrating the playful actions of children that teach essential life lessons. This engaging tale emphasizes the values of kindness, understanding, and the beauty of diverse relationships. Perfect for young audiences, this video aims to inspire and educate through entertaining storytelling.
#InspiringStories #ChildhoodLessons #EducationalEntertainment
#InspiringStories #ChildhoodLessons #EducationalEntertainment
Category
📚
LearningTranscript
00:00कहाणी का नाम है धूर्त साप और मुर्ख कवा
00:08बहुत दिन पहले की बात है
00:11एक कवा भोजन की तलाश में यहां वहां उड़ रहा था
00:16उस समय बहुत ठंड पड़ी थी
00:19और ठंडी ठंडी उत्तरी हवाएं चल रही थी
00:23फिर भी वह कवा उस ठंड के मौसम में भी भोजन की तलाश में उड़ रहा था
00:29उसे तो बहुत भूक लगी थी
00:32और अचानक समीन पर एक साप को गुडी मुडी होकर पड़ा हुआ देखा
00:40जरासल बहुत ठंड होने की कारण वह साप शानती से सूरच की उश्ण किरनों से अपना शरीर सेख रहा था
00:50उस अचलीद साप को देखकर कवा खुश हुआ और अपनी आप से बोला
00:59अरे बहुत अरे बहुत मुझे तो मेरा भोजन मिल गया
01:03मैं इस साप को खा जाता हूँ कितना स्वादिश्ट होगा इस साप का मास
01:09ऐसे सोचकर वह कवा धावा मार कर नीचे आ गया
01:15और साप के नस्दीक उसके पूच के पास जाकर बैठ गया
01:21उसने सोचा कि वह उस मरे हुए साप को अपने पंजो में उठाकर एक शांत जगा ले जाएगा
01:29और उसके टुकडे टुकडे करके आराम से उसका स्वादिश्ट भोजन पूरा कर देगा
01:38पर साप भी बहुत होशियार था
01:41उससे मालूम था कि कववा नस्दीक आकर बैठा है
01:45पर क्यूकि वहाँ दूर था और पूच की तरफ बैठा था
01:50तो साप वैसे ही मरने का अभिने करके शान पडा रहा
01:56वह जरा अभी नहीं हिला
01:58कववा जैसे ही और नस्दीक आया
02:02और साप के मूँ के पास बैठकर उसे उठाने के लिए जुख गया
02:08तो अजानक साप जग गया और उसने अपना सर जट से उठाया
02:13और उसके मूँ से विशकी फिचकारी उस कववे के चेहरे पर फुहार दी
02:20वह साप बहुत जहरीला था
02:24उस विशके फुहारे से कववा जट पटाने लगा
02:28और वह कववा जट पटाते हुए बोला
02:48ऐसा कहकर कववे ने दम दोड दिया
02:53इस तरह साप के होशियारी के वज़ासे
02:57और कववे की मूर्खता के वज़ासे
03:00साप शिकार बनने के बजाए शिकारी बन गया
03:04और बाजी पलट दि
03:07तो कहानी का तातपरिया ये है
03:11कि हमें हमेंशा सावधान रहना चाहिए
03:15और दुसरों का दम अपनी होशियारी से परख लेना चाहिए