• 2 months ago
स्वतंत्रता दिवस पर पतंगबाजी का शौक रखने वालों की लापरवाही इंसानों के साथ पक्षियों पर भी भारी पड़ी। चंद मिनटों की खुशी ने कई पक्षियों की जिंदगी की डोर काट दी। कुछ ऐसे पक्षी भी हैं जो अब कभी आसमान में उन्मुक्त होकर अपनी परवाज नहीं भर पाएंगे। चाइनीज़ मांझा पक्षियों के लिए काल बनकर सामने आया। बीते 15 अगस्त पर पतंगबाजी से घायल हुए पक्षियों का आंकड़ा 250 पार कर चुका है। इनमें राष्ट्रीय पक्षी मोर भी शामिल हैं। मांझे से घायल पक्षियों का अस्पतालों में पहुंचना लगातार जारी है। पुरानी दिल्ली में दिगंबर जैन लाल मंदिर में स्थित पक्षियों के धर्मार्थ चिकित्सालय के डॉ अभिषेक भंडारी ने बताया कि रोज़ 40 से 50 घायल पक्षी अस्पताल में आते हैं। जिनमें ज्यादातर चाइनीज मांझे से घायल होते है। घायल पक्षियों में कबूतर, चील, तोते और कौवा आदि शामिल हैं।

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Transcript
00:00There's another one there.
00:30Let's see if there are any problems with the feathers.
00:57There are many birds that are brutally injured.
01:12We have received 30-40 cases so far.
01:18We have received more than 250 cases.
01:26Some have cut their wings, some have been badly injured.
01:31There are many such cases.
01:34On a daily basis, between 1st to 15th August,
01:38maximum 30-40 birds come to us.
01:44It depends on the situation of the birds.
01:49If the situation is critical, the chances are less.
01:52If there is a lot of bleeding due to the cut,
01:55the chances are less.
01:57Mostly, we stitch the wings so that there is no bleeding.
02:01That's why some recover and some don't.
02:05I went to the mentor hospital.
02:07The bird fell right in front of me.
02:10I picked it up and gave it water.
02:12I put it in a bucket and brought it here.

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