सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें ऐसी पैरासिटामोल को खाने से मना किया जा रहा है, जिस पर P-500 लिखा है। इसे खाने से जान का खतरा बताया जा रहा है। हमने इसकी पड़ताल कर जाना कि क्या वाकई में पैरासिटामोल खाना खतरनाक हो सकता है?
- वॉट्सऐप पर वायरल मैसेज में लिखा है-'कृपया ये पैरासिटामोल न खाएं न खरीदें, जिस पर P-500 लिखा हो, इसमें एक जहरीला वायरस पाया गया है, जो दुनिया के सबसे खतरनाक वायरस में से एक है। यह जानकारी सभी को भेजें'
- पैरासिटामोल को लेकर यह मैसेज पहली बार वायरल नहीं हुआ है, बल्कि 2017 से ही इसे लेकर तरह-तरह की अफवाहें उड़ाई जा रही हैं।
- वायरल पोस्ट में सलाह देते हुए अंग्रेजी में लिखा गया था कि पैरासिटामोल में माचुपो नामक वायरस होता है। इसे दुनिया के सबसे खतरनाक वायरस में से एक माना जाता है।
- इस मैसेज के साथ में एक महिला और एक युवक के फोटोज भी वायरल किए जा रहे हैं। दोनों के शरीर पर लाल चट्टे देखे जा सकते हैं।
- जब दैनिक भास्कर मोबाइल ऐप ने इस मैसेज के बारे में मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी मेडिकल कॉलेज एमजीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ.वीपी पांडे से बात की। उन्होंने बताया कि यह दावा गलत है। पैरासिटामोल में ऐसा कोई वायरस नहीं पाया होता है। डॉ पांडे ने बताया कि पैरासिटामोल ओवर द काउंटर मिलती है। इसे बिना प्रिस्क्रिप्शन के भी खरीदा जा सकता है। ये सुरक्षित और अच्छी तरह से टेस्टेड है।
- भारत के अलावा यह मैसेज अन्य कई देशों में भी पहले वायरल हो चुका है। पड़ताल करने पर हमें मलेशिया सरकार द्वारा जारी किया गया एक लेटर मिला, जिसमें साफ लिखा है कि टेबलेट में किसी तरह का कोई वायरस नहीं है।
- इंडोनेशिया का फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन भी आधिकारिक बयान जारी कर इसमें वायरस होने की बात को खारिज कर चुका है।
- वॉट्सऐप पर वायरल मैसेज में लिखा है-'कृपया ये पैरासिटामोल न खाएं न खरीदें, जिस पर P-500 लिखा हो, इसमें एक जहरीला वायरस पाया गया है, जो दुनिया के सबसे खतरनाक वायरस में से एक है। यह जानकारी सभी को भेजें'
- पैरासिटामोल को लेकर यह मैसेज पहली बार वायरल नहीं हुआ है, बल्कि 2017 से ही इसे लेकर तरह-तरह की अफवाहें उड़ाई जा रही हैं।
- वायरल पोस्ट में सलाह देते हुए अंग्रेजी में लिखा गया था कि पैरासिटामोल में माचुपो नामक वायरस होता है। इसे दुनिया के सबसे खतरनाक वायरस में से एक माना जाता है।
- इस मैसेज के साथ में एक महिला और एक युवक के फोटोज भी वायरल किए जा रहे हैं। दोनों के शरीर पर लाल चट्टे देखे जा सकते हैं।
- जब दैनिक भास्कर मोबाइल ऐप ने इस मैसेज के बारे में मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी मेडिकल कॉलेज एमजीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ.वीपी पांडे से बात की। उन्होंने बताया कि यह दावा गलत है। पैरासिटामोल में ऐसा कोई वायरस नहीं पाया होता है। डॉ पांडे ने बताया कि पैरासिटामोल ओवर द काउंटर मिलती है। इसे बिना प्रिस्क्रिप्शन के भी खरीदा जा सकता है। ये सुरक्षित और अच्छी तरह से टेस्टेड है।
- भारत के अलावा यह मैसेज अन्य कई देशों में भी पहले वायरल हो चुका है। पड़ताल करने पर हमें मलेशिया सरकार द्वारा जारी किया गया एक लेटर मिला, जिसमें साफ लिखा है कि टेबलेट में किसी तरह का कोई वायरस नहीं है।
- इंडोनेशिया का फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन भी आधिकारिक बयान जारी कर इसमें वायरस होने की बात को खारिज कर चुका है।
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