वीडियो....बढ़ती गर्मी में उबला शहर तो डर कर अधिकारी यहां जा छिपे...

  • 13 days ago
नागौर. गर्मी बढऩे के साथ ही शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट गहराने लगा है। सोमवार को ताऊसर रेलवे फाटक के निकट स्थित बालसागर, गणेश कॉलोनी के क्षेत्रवासियों ने जल संकट को लेकर जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया गया कि कॉलोनी में आपूर्ति के लिए डाली गई पाइपलाइन में जलापूर्ति नहीं हो पाती है। हालांकि पेयजल लाइन डाले जाने के दौरान संबंधित विभाग के अभियंता एवं एजेंसी के संचालक से भी आग्रह किया गया कि पेयजल लाइन ताऊसर रोड के सहारे डाली जाए, क्यों कि कॉलोनी की जमीन का लेवल 10-12 फीट ऊंचा है। इसके बाद भी मनमर्जी से पेयजल लाइन डाली गई। इसके चलते आज भी पानी कॉलोनी में नहीं आ रहा। लोगों को टेंकर से जल परिवहन कराना पड़ रहा है। इसके समाधान के लिए अब तक सात बार ज्ञापन दिया जा चुका है। इस दौरान कानाराम, भंवरलाल, नानूराम चौधरी व किशनलाल आदि मौजूद थे।
पानी बिजली को लेकर भडक़े
ग्राम ताऊसर के ग्रामीण भी जलापूर्ति की समस्या को लेकर सोमवार को जलदाय के अधिशासी अभियंता पी. एस. तंवर के पास पहुंचे। ग्रामीणों ने कहा कि उनके गांव में पानी नहीं आता है। रतनसागर में पानी की टंकी से अभी तक जलापूर्ति नहीं की जा रही है। इस संबंध में कई बार ज्ञापन देने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। इसको लेकर ग्रामीणों ने अधिशासी अभियंता तंवर को खूब खरी-खोटी सुनाई। ग्रामीणों ने चेताया कि सात दिवस में समाधान नहीं हुआ तो फिर अब आंदोलन करेंगे। इसके बाद ग्रामीण डिस्कॉम अधीक्षण अभियंता के पास पहुंचे, और अघोषित बिजली कटौती बंद करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि विभाग के सहायक एवं कनिष्ठ अभियंता फोन तक नहीं उठाते। इस दौरान मूलचंद पवार, हीरालाल भाटी, रामचंद्र सांखला, मुकेश पंवार, जिंसुलाल भाटी, सुनील सांखला, भगवान तंवर आदि मौजूद थे। इसी तरह बड़ली मोहल्ला विकास समिति की ओर से देवाराम ने जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित को ज्ञापन दिया। ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि बड़ली टंकी में चार से पांच दिन में एक बार जलापूर्ति की जा रही है, जबकि अन्य क्षेत्रों में एक दिन बाद यानि की अगले दिन आपूर्ति की जाती है। वार्ड नंबर 58 की पार्षद लक्ष्मी सांखला ने जिला कलक्टर के नाम ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया कि मेजर करीम नगर, कुंदन सिटी, मालियों का मोहल्ला, रेगरों का मोहल्ला एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में चार दिनों केवल एक बार ही जलापूर्ति होती है। इस मौसम में इसकी वजह से मुश्किल होने लगी है।

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